Details of Satsang "He Is The True Creator, The Only Giver" | |
Title | He Is The True Creator, The Only Giver |
Subtitle | Jagjeevan Saachaa Eko Daataa |
Category | Charan Singh Ji Maharaj - English Translated |
Satsang | Maharaj Charan Singh Ji |
Shabad | Bani Guru Amar Das Ji |
Year | N/A |
Label | RadhaSoami Satsang |
Audio of Satsang "He Is The True Creator, The Only Giver" |
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Lyrics of Shabad "JagJeevan Saachaa Eko Daataa" |
रागु मारू महला ३ ॥ जगजीवनु साचा एको दाता ॥ गुर सेवा ते सबदि पछाता ॥ एको अमरु एका पतिसाही जुगु जुगु सिरि कार बणाई हे ॥१॥ सो जनु निरमलु जिनि आपु पछाता ॥ आपे आइ मिलिआ सुखदाता ॥ रसना सबदि रती गुण गावै दरि साचै पति पाई हे ॥२॥ गुरमुखि नामि मिलै वडिआई ॥ मनमुखि निंदकि पति गवाई ॥ नामि रते परम हंस बैरागी निज घरि ताड़ी लाई हे ॥३॥ सबदि मरै सोई जनु पूरा ॥ सतिगुरु आखि सुणाए सूरा ॥ काइआ अंदरि अम्रित सरु साचा मनु पीवै भाइ सुभाई हे ॥४॥ पड़ि पंडितु अवरा समझाए ॥ घर जलते की खबरि न पाए ॥ बिनु सतिगुर सेवे नामु न पाईऐ पड़ि थाके सांति न आई हे ॥५॥ इकि भसम लगाइ फिरहि भेखधारी ॥ बिनु सबदै हउमै किनि मारी ॥ अनदिनु जलत रहहि दिनु राती भरमि भेखि भरमाई हे ॥६॥ इकि ग्रिह कुट्मब महि सदा उदासी ॥ सबदि मुए हरि नामि निवासी ॥ अनदिनु सदा रहहि रंगि राते भै भाइ भगति चितु लाई हे ॥७॥ मनमुखु निंदा करि करि विगुता ॥ अंतरि लोभु भउकै जिसु कुता ॥ जमकालु तिसु कदे न छोडै अंति गइआ पछुताई हे ॥८॥ सचै सबदि सची पति होई ॥ बिनु नावै मुकति न पावै कोई ॥ बिनु सतिगुर को नाउ न पाए प्रभि ऐसी बणत बणाई हे ॥९॥ इकि सिध साधिक बहुतु वीचारी ॥ इकि अहिनिसि नामि रते निरंकारी ॥ जिस नो आपि मिलाए सो बूझै भगति भाइ भउ जाई हे ॥१०॥ इसनानु दानु करहि नही बूझहि ॥ इकि मनूआ मारि मनै सिउ लूझहि ॥ साचै सबदि रते इक रंगी साचै सबदि मिलाई हे ॥११॥ आपे सिरजे दे वडिआई ॥ आपे भाणै देइ मिलाई ॥ आपे नदरि करे मनि वसिआ मेरै प्रभि इउ फुरमाई हे ॥१२॥ सतिगुरु सेवहि से जन साचे ॥ मनमुख सेवि न जाणनि काचे ॥ आपे करता करि करि वेखै जिउ भावै तिउ लाई हे ॥१३॥ जुगि जुगि साचा एको दाता ॥ पूरै भागि गुर सबदु पछाता ॥ सबदि मिले से विछुड़े नाही नदरी सहजि मिलाई हे ॥१४॥ हउमै माइआ मैलु कमाइआ ॥ मरि मरि जमहि दूजा भाइआ ॥ बिनु सतिगुर सेवे मुकति न होई मनि देखहु लिव लाई हे ॥१५॥ जो तिसु भावै सोई करसी ॥ आपहु होआ ना किछु होसी ॥ नानक नामु मिलै वडिआई दरि साचै पति पाई हे ॥१६॥ |
RadhaSoami Ji...
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